सुख ढूंढने का सटीक सलीका
Updated: Jul 30, 2020

एक बार, एक ज्ञानी गुरु ने 30 लोगो को एक कमरे में बुलाया और सबसे एक गुब्बारे में हवा भरकर उसके ऊपर सभी को अपना नाम लिखने को कहा। सभी ने वैसा ही किया और उन सभी गुब्बारों को उसी कमरे में इधर उधर फेख दिया गया। और सारे गुब्बारों को अच्छी तरह से मिला दिया गया ताकि कोई अपने गुब्बारे को पहचान का सके। मजे वाली बात ये है कि सभी गुब्बारे भी एक ही रंग के थे।।
अब उनसे कहा गया कि वो अपने नाम के गुब्बारे को ढूंढ ले।। सभी कमरे में इधर उधर होने लगे और अपना गुब्बारा ढूंढने लगे।।
30 min के बाद भी कुछ को अपना गुब्बारा नहीं मिल पाया।।
तब उस ज्ञानी पुरुष ने सभी को रुकने को कहा और फिर से सभी गुब्बारों को एक साथ मिला दिया।।
इस बार उस गुरु ने सभी को कहा कि इस बार जिसको जिसका गुब्बारा मिलेगा, वो उसमे लिखे नाम को जोर से बोलेगा और जिसका गुब्बारा हैं उसे देदेगा।।
सभी ने ऐसा ही किया और 5 मिनट में ही सबको अपना गुब्बारा मिल गया।।
अब गुरु ने कहा कि यही कहानी इंसान की जिंदगी में खुशियों की हैं।।
जबतक आप सिर्फ अपनी खुशियां ढूंढेंगे तबतक आपको नहीं मिलेगी।। इसलिए इन गुब्बारों की तरह, अपनी खुशियों को ढूंढना छोड़ कर, जिसकी भी खुशी आपको सामने दिखे, उसे वो खुशी दीजिए।
आपनी खुशियां की चिंता ना करे, गुब्बारे की तरह वो भी आप तक अवश्य पहुंचेंगी।।
सब्र रखिए।।